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10 short stories in hindi for kids | बच्चों के लिए हिन्दी कहानियाँ।

10 short story in hindi for kids

Today we are writing short stories in Hindi with moral for kids. These story are only for kids and also written in hindi language. These hindi stories with moral may also be useful for teacher.

We are writing 10 short stories in hindi with moral for kids here.

Below are 10 very interesting stories written in Hindi with moral. We hope you will like this Hindi story collection.


आज हम लिख रहे हैं, लघु कथाएँ हिंदी में बच्चों के लिए नैतिक के साथ। ये कहानियाँ केवल बच्चों के लिए हैं और हिंदी भाषा में भी लिखी गई हैं। नैतिक के साथ ये हिंदी कहानियां शिक्षकों के लिए भी उपयोगी हो सकती हैं।

हम यहां बच्चों के लिए नैतिक के साथ हिंदी में 10 लघु कहानियां लिख रहे हैं।

नीचे 10 अति रोचक कहानियाँ हिन्दी में लिखी गई हैं। हमें उम्मीद है कि आपको यह हिंदी कहानी संग्रह पसंद आएगा।

Short story in hindi


Table of contents

1. असली माँ

2. एकता की शक्ति

3. मूर्ख गधा

4. गधे की परछाई

5. भेड के वेष में भेडिया

6. सियार और ऊँट

7. एक किसान और पंख

8. दोस्ती की पहचान

9. जादुई मुर्गी

10. गधा और मूर्ती

 

           

                  1. असली माँँ।                 (short stories in hindi for       kids)

       एक बार दो स्त्रियां एक छोटे बच्चे के लिए आपस में झगड़ रही थी।  दोनों स्त्रियां यह दावा कर रही थी कि वही इस बच्चे की असली मां है। जब दोनों के मध्य झगड़ा नहीं सुलझा तो उनको न्यायधीश के सामने पेश किया गया।
न्यायाधीश ने ध्यान पूर्वक दोनों स्त्रियों की दलीलें सुनी। न्यायधीश के लिए यह निर्णय करना मुश्किल हो गया कि इन दोनों में से असली मां कौन है। न्यायाधीश ने खूब सोच विचार किया। अंततः उन्हें एक उपाय सूझा। उन्होंने उस छोटे बच्चे के दो टुकड़े करने का आदेश दिया और कहा कि एक -एक टुकडा दोनों स्त्रियों को देने को कहा। 
       न्यायधीश का यह आदेश सुनकर दोनों स्त्रियों में से एक स्त्री ने रोते हुए कहा "कि नहीं, नहीं ! ऐसा अन्याय मत करो। दया करो सरकार। चाहे यह बच्चा इस स्त्री को दे दो लेकिन मेरे लाल को जिंदा रहने दो। मैं इस बच्चे पर अपना दावा छोड़ देती हूं।"   पर दूसरी स्त्री ने कुछ भी नहीं कहा, वह चुपचाप खडी रही और यह सब देखती रही। 
     चतुर न्यायधीश जान चुके थे, कि इस बच्चे की असली मां कौन है और उस बच्चे को उस स्त्री को दे दिया जो इस बच्चे पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार थी। दूसरी स्त्री को सजा के तौर पर जेल भेज दिया गया। 

     ( story moral)    नैतिक शिक्षा :--  सच्चाई की सदा                                                               विजय होती हैं। 

   

              2. एकता की शक्ति।        ( Short stories in hindi for       kids ) 

     एक जंगल में चार गायें रहती थीं। चारों गायों में बढ़िया मित्रता थी। वे चारों हमेशा साथ- साथ रहती थीं। वे एक साथ घूमने जाती थी और एक साथ ही चरने जाती थी। वेेे खूब आनंद के साथ रहती थी। कभी कोई जंगली जानवर उन पर हमला करता तो वह चारों एक साथ लड़ती थी और उस जानवर को मारकर भगा देती थी। 

       उसी जंगल में एक बाघ भी रहता था। उसकी नजर इन गायों पर थी और वह इन्हे मारकर खाना चाहता था। लेकिन  उनकी एकता के कारण उसकी उन पर हमला करने की हिम्मत नहीं होती थी।

Short hindi stories with moral

 एक  दिन उन गायों के बीच में झगड़ा हो गया। वें एक दूसरे से नाराज हो गई। उस दिन प्रत्येक गायें अलग-अलग रास्ते से जंगल में चरने के लिए चली गईं।  बाघ भी इसी समय का इंतजार कर रहा था। उसने एक-एक कर सभी गायों को मार डाला। 

 ( Story moral )  नैतिक शिक्षा :--  एकता मे शक्ति है।

                  3. मूर्ख गधा                       (Short stories in hindi for       kids)

 एक कुम्हार था। जिसने एक कुत्ता और एक गधा पाल रखा था। कुम्हार के मकान के चारों ओर चहारदीवारी थी। कुत्ता उस चहारदीवारी के अंदर घर की रखवाली करता था।  गधा गधा अपने मालिक का वजन ढोने का काम करता था। गधा मन ही मन ईर्ष्या करता था और सोचता था कि "इस कुत्ते का जीवन कितना आराम दायक है। केवल चहारदीवारी के अंदर इधर-उधर घूमना और किसी अजनबी को देखकर भोकना।" ऊपर से मालिक इसे थपथपाता है ।  उसे अच्छा खाना खिलाता है और मैं दिनभर भारी वजन ढोता फिरता हूं। "बदले में मालिक मुझे देता क्या है? वह मेरी पीठ पर डंडे लगाता है और कुछ बचा कुचा घटिया खाना दे देता है।"

कुछ दिन बाद गधे के मन में विचार आया कि "क्यों न मै भी इस कुत्ते की तरह मालिक को खुश करने की कोशिश करूं"।  जब मालिक घर लौटता है तो कुत्ता मालिक को खुश करने के लिए कितने प्यार से भौंकता है और पूंछ हिलाता है। अपने पैर उठाकर मालिक के सिर पर रखता है। मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए।  मालिक मुझे भी ऐसे ही प्यार करेंगे।

गधा यह बातें जब मन ही मन सोच रहा था तब उसने मालिक को घर आते हुए देखा। उसे देखकर ढींचू - ढींचू करने लगा और अपनी पूंंछ हिलाने लगा। फिर आगे बढ़कर अपने दोनों पैर मालिक के ऊपर रख दिये। गधे की इन हरकतों को देख मालिक हक्का-बक्का रह गया और उसे लगा कि गधा पागल हो गया है। उसने मोटा सा डंडा उठाया और गधे की खूब पिटाई की। मालिक को खुश करने की कोशिश में खूब पिटाई खाई। 

(Story moral)   नैतिक शिक्षा :--  हमें कभी भी ईर्ष्या                                                           नहीं करनी चाहिए


              4. गधे की परछाई                 (short stories in hindi for         kids)

     गर्मियों के दिन थे। तेज धूप हो रही थी। एक यात्री को एक गांव से दूसरे गांव में जाना था। दूसरे गांव जाने का मार्ग एक निर्जन मैदान से होकर गुजरता था। यात्री ने एक गधा ले लिया। गधा बहुत आलसी था। वह चलते चलते बार-बार रुक जाता। इसलिए मालिक गधे के पीछे पीछे चल रहा था और जब गधा रुकता तो उसके पीछे से डंडा मारता जिससे गधा फिर चलने लग जाता था। 
     चलते चलते दोपहर हो गई। वह आराम करने के लिए रास्ते में रुक गए लेकिन आसपास कोई छायादार पेड़ नहीं था।इसलिए यात्री गधे की परछाई में बैठ गया।  गर्मी के कारण गधे का मालिक भी बहुत थक गया था। वह भी गधे की परछाई में बैठना चाहता था। इसलिए उसने यात्री से कहा "देखो भाई यह गधा मेरा है।  इसलिए गधे की परछाई मेरी है। तुमने गधे का किराया दिया है। गधे की परछाई का कोई समझौता नहीं हुआ।  इसलिए मुझे गधे की परछाई में बैठने दो।"
    हाथी ने कहा यह गधा मैंने पूरे दिन के लिए किराए पर लिया है। इसलिए गधे की परछाई का उपयोग करने का भी अधिकार मेरा ही है।  तुम गधे को उसकी परछाई से बिल्कुल भी अलग नहीं कर सकते। 

    दोनों आपस में झगड़ने लगे और फिर मारपीट शुरू हो गई।इतने में गधा भाग खड़ा हुआ और अपनी परछाई को भी ले गया।

(Story moral)   नैतिक शिक्षा :--    छोटी-छोटी बातों                                                      पर हमें झगड़ा नहीं करना।


         5. भेड़ के वेश में भेडिया।           (short stories in hindi for         kids)

    एक दिन किसी भेडिए को भेड़ की खाल मिल गई। उस खाल को ओढ़कर वह मैदान में चर रही भेड़ों के झुंड में शामिल हो गया। भेड़िए ने सोचा " सूर्य अस्त होने के बाद गडरिया इन सब भेडो साथ मुझे भी बाड़े में बंद कर देगा।  रात को किसी मोटी भेड को उठाकर भाग जाऊंगा और बड़े मजे से खा लूंगा।
  
     शाम हुई तो गडरिया भेड़ों को बाड़े में बंद कर चला गया।   भेड़िया रात होने का इंतजार करता रहा था। धीरे-धीरे रात गहराने लगी। अब तक वैसा ही हुआ जैसा उस भेडिये ने सोचा था।  फिर एक अनहोनी घटना हुई।
 
        उस रात को गडरिये के घर पर मेहमान आए थे। इसलिए रात के भोजन के लिए मोटी भेड़ लेने के लिए एकाएक ही बाडे में आया। संयोगवश गडरिया उसका खाल पहने उस भेड़िए को ही ले गया और हलाल कर दिया।  भेडिया भेड को खाने के लिए आया था। परंतु उस रात को गडरिया और उसके मेहमानों का भोजन बन गया।


( Story moral)    नैतिक शिक्षा :--   बुरा सोचने वालो                                                         का अंत बुरा ही होता है


           6.सियार और ऊँट।                 (short stories in hindi for       kids)

एक बार की बात है। ऊँठ और सियार में मित्रता थी। वे दोनों प्रत्येक काम साथ-साथ करते थे। एक दिन उन्हें फल खाने की इच्छा हुई। इसलिए वह दोनों एक बाग में चले गए।  बाग की रखवाली करने वाला जब सो रहा था तब वह दोनों बाग में प्रवेश कर जाते है। 
    वह दोनों खूब फल खाते हैं। सियार का पेट ऊँट से बहुत ज्यादा छोटा था। इसलिए उसका पेट बहुत जल्दी भर गया। उसका पेट भरने के बाद वह ऊँट से बोला " मेरा पेट भर चुका है, मै अब डकार ( सियार की आवाज ) लूँगा"। ऊंट बोला "मेरा तो अभी पेट भी नहीं भरा और आवाज करेगा तो मालिक आ जाएगा और हमें खूब मारेगा। लेकिन सियार ने उसकी बात नहीं मानी और आवाज की, जिसके बाद सियार जल्दी ही भाग गया और ऊँट पीछे रह गया जिसके कारण ऊंट को उस बाग के मालिक ने खूब मारा। 

  अगले दिन ऊँट ने सियार से कहा "कि चलो नदी पार चल कर आते हैं"।
तब सियार ने बोला "कि मुझे तो तैरना भी नहीं आता और मैं तो बहुत छोटा हूं, मैं नदी पार कैसे करूँगा"। 
फिर ऊँँट बोला "कि मैं तुझे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार करूंगा"। फिर दोनों नदी पार करने के लिए चले गए।  सियार जब ऊंट की पीठ पर बैठकर नदी पार कर रहा था। 
तब ऊँठ बीच नदी में जाकर बोला कि "मैं तो अब इस नदी में यहीं पर थोड़ी देर लेट कर आराम करूंगा"। 
सियार बोला कि "अब तो यहीं पर लेट जाएगा तो मैं बह जाऊंगा"।  
लेकिन ऊँँट बोला" जब मैंने तुझे बाग में आवाज न करने को कहा था तब भी तूने आवाज की और मुझे खूब मार खानी पड़ी। इतना कहकर ही ऊँट नदी में लेट गया और सियार नदी में गिर कर बह गया।


(Story moral)       नैतिक शिक्षा:-- जैसे को तैसा 

            

            7. एक किसान और पंख।        (short stories in hindi for        kids)

      एक बार की बात है। एक किसान ने उसके पड़ोसी को बहुत भला बुरा कह दिया।  बाद में उसने अपनी गलती का अहसास किया और पश्चाताप करने के लिए एक संत के पास चला गया। उसने संत के पास जाकर पश्चाताप करने का उपाय पूछा ताकि उसके मन का बोझ हल्का हो जाए।  किसान को कहा कि तुम जाकर कहीं से पंख इकट्ठे कर लो और फिर उन्हें शहर के बीच में जाकर बिखेर दो। 

     किसान ने बिल्कुल ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया। संत ने किसान से कहा कि तुम जाओ और अब उन पंखों को फिर इकट्ठा करके लेकर आओ।  जब किसान वापिस गया तो देखा कि कुछ पंख तो उड़ गए और जो पंख बचे थे उन्हें इकट्ठा नहीं किया जा सकता था। 

 इसके बाद किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा। तब संत ने उसे समझाया कि तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होता है। तुम  बड़ी आसानी से किसी को भी कुछ भी बिना सोचे समझे कह सकते हो। लेकिन एक बार कह देने के बाद उन शब्दों को ठीक उसी प्रकार वापस नहीं लिया जा सकता जिस प्रकार पंख बिखेरने के बाद उन्हें इकट्ठा नहीं किया जा सका।  तुम चाह कर भी उन शब्दों को वापस लेकर पश्चाताप नहीं कर सकते। इसलिए आज के बाद जब भी कोई बात बोलो तो उसे सोच समझकर विचार कर बोलना।


(Story moral)  नैतिक शिक्षा :--  हमें हमेशा सोच                                                            विचार कर बोलना चाहिए


             8. दोस्ती की पहचान।           (short stories in hindi for      kids)

एक बार की बात है। दो मित्र थे, एक नाम रमेश और दूसरे का नाम सुरेश था।  दोनों मित्रों को एक गांव से दूसरे काम जाना था। लेकिन दूसरे गांव जाने के मार्ग पर एक जंगल पड़ता था।  दोनो ने गांव जाने के लिए प्रस्थान किया ।   चलते चलते शाम का समय हो गया था। 
  
इसी समय जब वह जंगल से गुजर रहे थे। तब सुरेश को भालू आता हुआ दिखाई दिया।  तब उसने रमेंश से कहा "कि भालू आ रहा है। अब दोनों पेड़ पर चढ़ जाते हैं"। इतना कह कर वह पेड पर चढ गया। रमेश को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। फिर भी सुरेश ने रमेश की पेड़ पर चढ़ने के लिए मदद नहीं की और  सबसे पहले पेड़ पर जाकर बैठ गया।
Short story in hindi with moral

लेकिन सुरेश ने एक उपाय सोचा और वह भालू को ओर पास आते हुए देख जमीन पर एकदम सीधा  लेट गया।  जब भालू उसके बिल्कुल पास आ गया। तब उसने अपनी सांस रोक ली। भालू ने उसे सूंघकर मृत समझ लिया और वहां से चला गया।
 उसके बाद उसका मित्र सुरेश पेड़ से नीचे उतरकर आया और पूछा कि भालू ने तेरे कान में क्या कहा। रमेश ने बड़ी चतुराई से सोच समझकर कहा "कि भालू ने मुझसे कहा कि मतलबी दोस्तों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए। इसके पश्चात सुरेश को भी बहुत पछतावा।

(Story moral)   नैतिक शिक्षा :--  मतलबी दोस्तों से                                                            हमेशा दूर रहना चाहिए



           9. जादुई मुर्गी                  (Short stories in hindi for       kids)


 एक व्यक्ति के पास एक जादुई मुर्गी थी। जो रोजाना एक सोने का अंडा देती थी।  वह अंडे को रोजाना बेचकर अच्छी आमदनी करता था।  थोड़े ही दिनों में वह बहुत अमीर हो गया। उसने एक बड़ा मकान  बनवाया जिसमें वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आनंद से रहने लगा। 
 बहुत दिनों तक ऐसा चलता रहा। लेकिन एक दिन उस व्यक्ति के मन में लालच आ गया। उसने सोचा कि मैं इस मुर्गी के पेट से सारे अंडे एक बार में ही निकाल लूँँ तो मालामाल बन जाँऊगा। किसान ने एक चाकुलिया और उस मुर्गी को चीर डाला। लेकिन उस मुर्गी के पेट में से एक भी अंडा नहीं निकला। किसान को बहुत पछतावा और वह मुर्गी मर गई। पहले उसे रोज एक सोने का अंडा मिलता था अब वह अंडा भी नहीं मिलेगा।


(Story moral)  नैतिक शिक्षा :--  लालच बुरी बला है।


           10. गधा और मूर्ती                 (Short stories in hindi for        kids)


 एक गांव में एक मूर्तिकार रहता था। वह देवी देवताओं की बहुत सुंदर मूर्तियां बनाया करता था। उसने एक बार भगवान की बहुत सुंदर मूर्ति बनाई। उसे ग्राहक के पास पहुंचाने के लिए उसने कुमार से एक गधा किराए पर ले लिया। उसने मूर्ती को गधे पर रखा और चल पड़ा।  जब भी रास्ते में उस मूर्ति को कोई देखता तो वह रुक कर उसकी तारीफ जरूर करता। कुछ लोग तो उस मूर्ति को देख कर ही प्रणाम करने लग जाते।

  
    यह देख कर उस मूर्ख गधे ने सोचा कि यह लोग मुझे ही देख कर मेरी प्रशंसा कर रहे हैं।  फिर गधा सड़क के बीच अकड़ कर खड़ा हो गया और जोर-जोर से रेकनेंं लगा।  फिर उस मूर्तिकार ने उस गधे को चुप करने की कोशिश की।  बहुत कोशिश करने के बाद भी गधा रेंकता ही रहा। फिर मूर्तिकार ने डंडा उठाया और गधे की खूब पिटाई की। मार खाने के बाद गधा चुप हो गया और उसका सारा घमंड टूट गया।  उसका होश ठिकाने आ गया और वह चुपचाप चलने लगा।


(Story moral)   नैतिक शिक्षा :--   समझदार के लिए                                              इशारा और मूर्खों के लिए डंडा।
 


Thank you for reading this blog. I hope you liked 10 short stories in Hindi for kids. Tell us in the comments how you liked this collection of stories. If you liked 10 short stories in hindi for kids then do share.

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